Sunday 14 April 2013

जरा गौर कीजिए ''टोपीबाज़'' नितीश की जमीनी उपलब्धियों पर...

क्योंकि नितीश कुमार के पास नरेन्द्र मोदी की क्षमताओं योग्यताओं और उपलब्धियों के विरोध में कुछ भी कहने को है ही नहीं इसीलिए पूरे देश को अपनी तरह ''टोपी'' पहनने और पहनाने की बात कर आज दिल्ली में नितीश ने नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा। नीतीश की इस कुटिल कोशिश पर मोदी विरोधी कुछ चैनली भटियार खाने मतवाले हो रहे हैं. पूरे देश को नितीश मार्का ''टोपी'' पहनने-पहनाने की नितीशी कोशिशों का महिमामंडन भटियारों की तरह कर रहे हैं. लेकिन ये भटियार ये नहीं बता रहे हैं कि नितीश ने पिछले 8 सालों में बिहार को किस तरह टोपी पहनाई है.
जरा गौर कीजिए ''टोपीबाज़'' नितीश की जमीनी उपलब्धियों पर.
आज जब ''टोपीबाज़'' नितीश का दिल्ली में टोपीपुराण चल रहा था ठीक उसी समय देश की सबसे बड़ी समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा जारी की गयी एक खबर यह बता रही थी कि,''टोपीबाज़'' नितीश के बिहार में पाइप लाइन के जरिये केवल 4% पेयजल की आपूर्ति होती है और 12536 गाँवों में लोग लोहा आर्सेनिक और फ्लोराइड युक्त जहरीला पानी पीने को मजबूर हैं...!!!
इस खबर के अलावा ''टोपीबाज़'' नितीश की एक और जमीनी उपलब्धि यह है कि बिहार में 7204 गावों में बिजली है ही नहीं तथा तथा लगभग 2000 मेगावाट आवश्यकता की मांग की पूर्ति केवल 1137 मेगावाट से होती है, वह भी चालीस प्रतिशत सेंट्रल पूल से लेने के बाद तथा राष्ट्रीय औसत से ढाई गुना तथा बिहार से टूटकर अलग हुए झारखंड से दो गुना अधिक बेरोजगारी ''टोपीबाज़'' नितीश शासित बिहार में है

No comments:

Post a Comment