"पप्पू नेता" इन दिनों उत्तरप्रदेश में जाति और धर्म के ही गीत जोर-शोर से गा-बजा रहा है. उन्हीं फूहड़ गीतों की अश्लील धुनों पर ठुमके लगा रहा है. |
ग्लोबल टेस्ट में नीचे से दूसरे नंबर पर रहे भारतीय छात्र
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दुनिया भर में आईटी सेक्टर के भारतीय छात्र भले ही बेहतरीन प्रदर्शन करते रहे हों, लेकिन कई दूसरे स्तर पर भारत अब भी शिक्षा के मामले में काफी पिछड़ा है और इंटरनैशनल लेवल पर खुद को साबित करने के लिए इसके एजुकेशन सिस्टम में बेहतरी की काफी गुंजाइश है। एक इंटरनैशनल स्टडी में भारतीय छात्रों का प्रदर्शन पूरी तरह फ्लॉप रहा है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्टडी में 15 साल की उम्र के भारतीय स्टूडेंट्स को दुनिया भर के इसी ऐज ग्रुप के स्टूडेंट्स के साथ रीडिंग, मैथ्स और साइंस संबंधी क्षमताओं से जुड़े असैसमेंट प्रोग्राम में बिठाया गया तो वह बुरी तरह पिछड़ गए। केवल किर्गीस्तान को हराते हुए भारतीय छात्र सेकंड लास्ट (नीचे से सेकंड) पॉजिशन पर आए।
ऑर्गनाइजेशन फॉर इकॉनमिक को-ऑपरेशन ऐंड डिवेलपमेंट ( OECD ) द्वारा हर साल आयोजित किए जाने वाले प्रोग्राम फॉर इंटरनैशनल स्टूडेंट असैसमेंट (PISA) में 73 देशों से आए स्टूडेंट्स ने भाग लिया। यह असैसमेंट बच्चों एजुकेशन सिस्टम के मूल्यांकन के लिए किया जाता है। तकरीबन 5 लाख स्टूडेंट्स ने इसमें पार्टिसिपेट किया और यह सर्वे ढाई घंटे चला।
PISA में चीन के शंघाई प्रांत से भी स्टूडेंट्स ने पहली बार ही भाग लिया था लेकिन इस सर्वे में वे रीडिंग फील्ड में टॉप पर रहे। मैथमेटिक्स और साइंस में भी उन्होंने ही टॉप किया।
विश्लेषण में बताया गया, 'शंघाई के एक चौथाई से भी ज्यादा स्टूडेंट्स ने मुश्किल समस्याओं को सुलझाने में अडवांस्ड मैथमेटिकल थिंकिंग स्किल्स का प्रयोग किया, OECD के सिर्फ 3 परसेंट की तुलना में।' ग्लोबल टॉपर से भारतीय छात्र 200 अंकों से पिछड़े।
सरकार ने इस प्रोग्राम में शामिल होने के लिए तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश से विद्यार्थियों का चयन किया था ताकि वे शिक्षा और विकास की चमकदार तस्वीर पेश करके आएं लेकिन नतीजे कुछ और ही सामने आए।
इन 2 राज्यों की परफॉर्मेंस से जो नतीजे सामने आए, वह उदास करने वाले है। गणित में भारत ने मात्र किर्गीस्तान को हराया और दूसरे व तीसरे नंबर पर रहे। इंग्लिश टेक्स्ट पढ़ने में भी तमिलनाडु और हिमाचल के छात्र केवल किर्गीस्तान से बेहतर थे। उसमें भी इन राज्यों की लड़कियां लड़कों से काफी बेहतर थीं। सांइस के टेस्ट में हिमाचल के स्टूडेंट्स सबसे फिसड्डी साबित हुए और तमिलनाडु ने हल्का बेहतर प्रदर्शन किया और नीचे से तीसरे नबंर पर रहा। जाहिर है कि सरकार को अपने एजुकेशनल सिस्टम पर गौर करने की जरूरत है।
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