Friday 13 January 2012

भ्रष्ट नेताओं-अफसरों-कार्पोरेटी लुटेरों पर प्रतिबन्ध क्यों नहीं.?


अगर सरकार को फेसबूक से इतनी परेशानी है, तो इस देश को भ्रष्ट नेताओं-अफसरों-कार्पोरेटी लुटेरों से लाखों गुना अधिक परेशानी है. फेसबुक की तथाकथित अश्लील सामग्री इन भ्रष्ट नेताओं-अफसरों-कार्पोरेटी लुटेरों की तरह देश की जनता के लाखों करोड़ रुपयों की सालाना लूट नहीं करती.
फेसबुक की दुनिया में इन भ्रष्ट नेताओं-अफसरों-कार्पोरेटी लुटेरों की तरह 32 रुपये रोज कमाने वाले आम आदमी को "रईस" सिद्ध करने का जानलेवा भ्रमजाल नहीं फैलाया जाता. 
देश का कोई भी न्यायलय इन भ्रष्ट नेताओं-अफसरों-कार्पोरेटी लुटेरों को ब्लॉक क्यों नहीं करता....???


सरेआम देश को दोनों हाथों से लूट रहे इन भ्रष्ट नेताओं-अफसरों-कार्पोरेटी लुटेरों पर देश का कोई भी न्यायलय प्रतिबन्ध क्यों नहीं लगाता...???
गूगल के सर्च इंजन पर केवल porn movie लिख कर सर्च करिए तो इंटरनेट की दुनिया में उपलब्ध अश्लीलतम सामग्री वाली वेबसाइटों से सम्बन्धित लगभग डेढ़ करोड़ विवरण कुछ ही सेकेण्ड में नज़र आने लगते हैं.  
यह कोई आज की,या फिर नई बात भी नहीं है. इंटरनेट की दुनिया का ये अश्लील चेहरा वर्षों पुराना है.  लेकिन तब इस देश की सरकार और न्यायिक सक्रियता के ठेकेदार क्यों सो रहे थे...???

 हिन्दुओं की आस्था-श्रद्धा के सर्वोच्च शिखरों के
 अश्लीलतम चित्र बनाने वाले वाले 
मकबूल फ़िदा हुसैन सरीखे कुकर्मी को 
पद्मश्री एवं पद्मभूषण सरीखे सम्मान 
क्यों दिए गए थे...?

दरअसल फेसबुक या ऐसी ही कुछ अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर केवल एक राजनीतिक परिवार और उसके दल विशेष से सम्बन्धित तीखी टिप्पणियों के बाद अश्लीलता के काल्पनिक जिन्न को इन दिनों सुनियोजित साजिश के तहत जिन्दा किया गया है. अब उस जिन्न को मारने के लिए न्यायलय की आड़ लेकर फेसबुक सहित सभी सोशल नेटवर्किंग साइट्स को प्रतिबंधित करने का घृणित षड्यंत्र प्रारम्भ हो गया है. केवल एक परिवार विशेष और उसके दल के खिलाफ तीखी टिप्पणियों से तिलमिला कर करोड़ों भारतीयों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की निर्मम हत्या करने के पैशाचिक प्रयास करने वाली ये वही जमात है जो इस देश में करोड़ों हिन्दुओं की आस्था-श्रद्धा के सर्वोच्च शिखरों के अश्लीलतम चित्र बनाने वाले वाले मकबूल फ़िदा हुसैन सरीखे कुकर्मी को पद्मश्री एवं पद्मभूषण सरीखे सम्मानों से सम्मानित करती रही, राज्यसभा में मनोनीत कर सम्मानित करती रही, ये वही जमात है जो भारतीय सभ्यता-संस्कृति एवं जीवन पद्धत्तियों की नृशंस हत्या करने वाले समलैंगिक सम्बन्धों और लिव इन रिलेशनशिप सरीखे अराजक एवं अश्लीलतम आचरण को कानूनन वैधता प्रदान करती है.
यही जमात अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर हिन्दू समाज से उस कुकर्मी हुसैन के उन जघन्य पापों को पुण्य समझने, उनका गुणगान करने का निर्लज्ज सन्देश निर्लज्जतापूर्वक देती रही है.
ऐसा लगता है की इस देश में हिरन्याकश्यप का राज है जो खुद को आकाश-पाताल-धरती पर पूरी तरह सुरक्षित कर सदा-सदा के लिए अमर हो जाना चाहता है,
लेकिन ऐसा सोच रहे सत्ताधारी चाटुकार संभवतः यह भूल गए हैं कि इस देश में जब-जब हिरन्याकश्यप सरीखे दानव पैदा हुए हैं तो उनके साथ ही साथ प्रहलाद और नरसिंह भगवान के जन्म लेने की परंपरा भी उतनी ही प्राचीन है.

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