Saturday 27 July 2013

कायर-किन्नरी-कुटिल चरित्र वाले सेक्युलरिज्म के घिनौने चेहरे

रात दिन पागलों की तरह सेक्युलरिज्म सेक्युलरिज्म भौंकने वाले कुत्तों को मैंने धर्मांध दंगाई मुस्लिम कट्टरता के हिंसात्मक नंगे नाच के समक्ष दुम दबाकर किसी वेश्या की तरह समर्पण करते देखा है.
ऐसे तथाकथित सेक्युलर हरामजादों को कभी धर्मान्ध और दंगाई मुस्लिम कट्टरता के खिलाफ बोलते नहीं सुना. इसके उलट ये सेक्युलर हरामजादे उस कट्टरता के बचाव में धूर्त कुतर्कों की लाठी भांजते रहते हैं.
ऐसे कायर-किन्नरी-कुटिल चरित्र वाले सेक्युलरिज्म के घिनौने चेहरे पर यह देश थूकता है और भावी पीढी इन तथाकथित सेक्युलर गद्दारों का इतिहास गलियों चौराहों सडकों पर अपने जूते चप्पलों से लिखेगी... 

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