मित्रों
26/11 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले की जांच करने वाले तत्कालीन केन्द्रीय
गृह सचिव राम प्रधान जी ने सप्ताह भर पूर्व यह सनसनीखेज खुलासा किया है कि
उन्होनें अपनी जांच रिपोर्ट में उन 10 आतंकी हमलावरों की मदद/मार्गदर्शन
करने वाले स्थानीय एजेंटों का विस्तार से जिक्र किया था लेकिन उन एजेंटों
को पहचान कर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई आज तक नहीं की गयी.
मित्रों शर्मनाक तथ्य यह है कि राम प्रधान जी के इस खुलासे के बाद भी देश के जिस गृहमंत्री के कान पर जूं नहीं रेंगी है वो गृहमंत्री अब गुजरात में एक पिता के अनुरोध पर उसकी पुत्री के सुरक्षार्थ हुई निगरानी को आपराधिक जासूसी कांड बताकर उसकी जांच अपने गृहमंत्रालय से कराने के लिये बावला-बेताब-बेचैन हुआ जा रहा है.
मित्रों ये वही बेशर्म गृह मंत्री है जो 27 अक्तूबर को आतंकी बम धमाकों से पटना की सडकों और गांधी मैदान में बिछी लाशों की खबर सुनने के बावजूद वहां जाने के बजाय रज्जो के फिल्मी मुजरों की महफिल का लुत्फ लेने मुंबई चला गया था
मित्रों शर्मनाक तथ्य यह है कि राम प्रधान जी के इस खुलासे के बाद भी देश के जिस गृहमंत्री के कान पर जूं नहीं रेंगी है वो गृहमंत्री अब गुजरात में एक पिता के अनुरोध पर उसकी पुत्री के सुरक्षार्थ हुई निगरानी को आपराधिक जासूसी कांड बताकर उसकी जांच अपने गृहमंत्रालय से कराने के लिये बावला-बेताब-बेचैन हुआ जा रहा है.
मित्रों ये वही बेशर्म गृह मंत्री है जो 27 अक्तूबर को आतंकी बम धमाकों से पटना की सडकों और गांधी मैदान में बिछी लाशों की खबर सुनने के बावजूद वहां जाने के बजाय रज्जो के फिल्मी मुजरों की महफिल का लुत्फ लेने मुंबई चला गया था
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