Sunday 26 August 2012

"बाप, पूत, नाती, यही तीन बराती " ...!!!

दिल्ली में रविवार 26 अगस्त को गज़ब मिलीभगत की धूर्त सियासी नौटंकी हुई.
anna गैंग के 3-4 जगहों पर हुए प्रदर्शनों में कुल मिलाकर 100-150 लोग ही इकट्ठा हुए,(हालंकि चुनिन्दा चैनलों के खबरिया कौव्वों ने बहुत बढ़ाने-चढाने की कोशिश की लेकिन टीवी के परदे की फोटो प्रदर्शनकारियों की शर्मनाक संख्या के सच की चुगली चीख चीख कर करती दिखीं. लेकिन कमाल देखिये कि, इन प्रदर्शनकारी कांग्रेसी दलालों का माहौल बनाने के लिए दिल्ली पुलिस ने आंसूं गैस के गोले दागने, वाटर कैनन चलने और लाठीचार्ज करने के पूर्व नियोजित ड्रामे को बहुत मेहनत से अंजाम दिया. और चुनिन्दा चैनलों के खबरिया कौव्वों ने दिल्ली पुलिस के इस ड्रामे के प्रचार में ऐसी हाहाकारी कांव-कांव शुरू की कि, मानों दिल्ली में प्रलय आ गयी हो.
जबकि सच ये है कि, इस केजरीवाल और उसके गुर्गों को प्रदर्शन के लिए आदमी ढूंढें नहीं मिले. परिणामस्वरूप इसे और इसके कुल 6 गुर्गों को पुलिस ने शुरू में ही प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार करने के घंटे भर बाद पुनः छोड़ दिया ताकि ये ड्रामे को कुछ देर और जारी रख सके. इसने वही किया भी.
इसकी बेशर्मी देखिये कि, इतनी शर्मनाक स्थिति वाले अपने फूहड़ प्रदर्शन बावजूद ये पूरी निर्लज्जता के साथ खबरिया कौव्वों के कैमरों और माइकों पर दावा कर रहा था कि, ये आन्दोलन नहीं क्रांति है. और उन खबरिया कौव्वों की बेहयाई देखिये कि, वो इस केजरीवाल के हास्यास्पद और सरासर झूठे बयान को ब्रेकिंग न्यूज बना के दिखाने-सुनाने में जुटे थे, जबकि सच ये है कि, इसकी इस "प्रदर्शन बरात" में आम आदमी तो था ही नहीं, इसके और इसके दर्जन भर गुर्गों के NGO के कुल 100-150 नौकर चाकर इस "प्रदर्शन बरात" में सरकारी दामाद की तरह शामिल थे, और उस पुरानी कहावत को चरितार्थ कर रहे थे कि "बाप, पूत, नाती, यही तीन बराती " ...!!!

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