Saturday 14 January 2012

राजनीतिक किन्नरों को यह देश कब तक और क्यों स्वीकार करे.....??????

कुख्यात अपराधी कामरान सिद्दीकी को
दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित द्वारा
समाजसेवक कह कर
सम्मानित किया जा चुका है.
 
स्थितियां अत्यंत खतरनाक संकेत कर रही हैं.
फेसबुक पर अनेकानेक समूहों एवं मित्रों की वॉल पर यह शर्मनाक चर्चा अपने चरम पर है कि,
"बाबा रामदेव पर स्याही फेंकने वाले का नाम कामरान
सिद्दीकी  है...बाटला हॉउस का रहने वाला है .पुलिस को उसके पास एसिड की दो बोतले मिली , वो पहले स्याही फेककर अफरातफरी मचाने के बाद बाबा रामदेव की एसिड से हत्या करना चाहता था . ये वही कामरान सिद्दकी है जिसके एनजीओ "आफ़ताब " का उदघाट्न सलमान खुर्शीद और दिग्विजय सिंह , अजीज बर्नी की उपस्थिति मे हुआ था .और कांग्रेस सरकार ने इसके एनजीओ को बीस लाख रूपये भी दान में दिए थे. इस अपराधी को एक समाजसेवक कह कर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने सम्मानित भी किया था. प्रारम्भिक जांच में ही स्वयम दिल्ली पुलिस के दस्तावेजों से यह भी सिद्ध हो चूका है कि, कामरान सिद्दीकी एक दुर्दांत अपराधी है, इसके उपर 13 क्रिमिनल केस दर्ज है . इसके उपर एन एस ए सरीखी अत्यंत गंभीर आपराधिक धारा भी लगी है . दंगे भडकाने , धमकी देने , गुंडागर्दी और हत्या की कोशिश जैसे मामले इसके उपर जामिया नगर थाने मे दर्ज है."


-->क्या देश की सरकार के कर्णधार इतने कायर और कुटिल हो चुके हैं कि एक सन्यासी योग गुरु से मिल रही राजनीतिक चुनौती का सामना करने का राजनीतिक साहस और मनोबल भी उनके पास नहीं बचा है...??????
-->राजनीतिक चुनौतियों का सामना अपराधियों, गुंडों, लफंगों के सहारे करने वाले राजनीतिक किन्नरों को यह देश कब तक और क्यों स्वीकार करे.....??????
इस प्रश्न का उत्तर यदि अभी नहीं ढूँढा गया तो भविष्य कल्पना से अधिक भयावह होगा

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