Monday 9 January 2012

"पवार" प्रेम दिखा अन्ना ने खुद ही नोच दी अपनी नकाब...!!!

बेचारे अन्ना भक्त मेरे ऊपर आगबबूला हैं क्योंकि मैं बेचारे अन्ना भक्तों को लगातार नयी नयी दिशाओं से नए नए दर्पण नए नए कोंड़ों से दिखा कर तमतमाने-बौखलाने पर मजबूर कर देता हूँ.
लेकिन मैं करू भी तो क्या, अब जब किशन बाबूराव हजारे उर्फ़ "अन्ना" साहब एक-एक करके अपनी नकाब की परतें खुद ही पलटते हैं, असली चेहरा दिखलाते चलते हैं तो मैं देखता भी हूँ सुनता भी हूँ और कहता भी हूँ, क्योंकि अन्ना भक्तों की तरह अँधा बहरा तो हूँ नहीं. अब ताज़ा मामला ही ले लीजिये, भारत भूमि पर "सदाचार" के इकलौते और दुर्लभ ठेकेदार किशन बाबूराव हजारे उर्फ़ "अन्ना" साहब ने आज जब अपने अराजनीतिक नकाब की एक और परत नोंची तो उसके बाद उनका जो चेहरा दिखा वो गज़ब था. अब किसी भी ऐरे-गैरे के कहने से किशन बाबूराव हजारे उर्फ़ "अन्ना" सदाचारी राजनेता आदरणीय शरद पवार जी को बेईमान या भ्रष्टाचारी थोड़े ही मान लेंगे. यह प्रमाणपत्र देने का ठेका तो खुद उनके पास या फिर उनके अन्ना गैंग के पास ही है. इसीलिए....
अन्ना हजारे ने सोमवार को एक अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत रालेगण सिद्धि के सरपंच जयसिंह मपारे को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के टिकट पर जिला परिषद का अगला चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी।
एनसीपी कार्यकर्ता रहे मपारे ने अन्ना के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से जुड़ने के बाद पिछले लगभग एक साल से पार्टी से संबंध तोड़ लिया था। मपारे ने कहा, हाल ही में एनसीपी नेताओं ने मुझसे पार्टी के टिकट पर जिला परिषद चुनाव लड़ने के लिए संपर्क साधा था। मैंने अन्नाजी से इसकी इजाजत मांगी थी, जो उन्होंने दे दी।
अब बेचारे अन्ना भक्त मेरे ऊपर तमतमाने -बौखलाने से पहले मुझको तथा इस समाचार को झूठा सिद्ध करने का प्रयास अवश्य करेंगे. अतः उनकी सुविधा के लिए समाचार से सम्बन्धित link नीचे दे रहा हूँ.
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/11411187.cms

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